यह इस श्रृंखला में मसीह में हमारी पहचान पर अंतिम संदेश है, यह पता लगाना कि हम मसीह में कौन हैं, और कैसे मसीह में जीवन जीना है। हम सीखते हैं कि कैसे मसीह में अपने जीवन, अपनी पहचान, और मसीह में अपनी विरासत में से जीवन को जीना है। # 1, जो पूरा हो गया है, उसमें से जियो – स्वर्ग से अपने जीवन में से जियो उसमें # 2, अपने मन को नवीनीकृत करें - यीशु को पहनने के लिए अपनी सोच में नवीनीकृत हो # 3, आत्मा में चलो - आत्मा द्वारा परिवर्तित हो जाएं और यीशु की तरह बनें # 4, उसमें चलें – यीशु के साथ गठबंधन करें, केवल वही करें जो यीशु करेंगे # 5, उसमें निहित रहें - यीशु पर अपने स्रोत और शक्ति के रूप में स्थिर रहें, उस पर निर्भर रहें और उससे आकर्षित हों # 6, उसमे निर्मित हो - सभी चीजों में उसके जैसा बनने के लिए बढ़ो, मसीह की तरह परिपक्व होकर, #7, उसमें रहो – हर बाधा डालने वाली चीजों से दूर होकर उससे जुड़े रहो।
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