इस संदेश में हम पुराने नियम के मण्डप (Tabernacle) पर गहराई से नज़र डालते हैं और यह देखते हैं कि यह हमें स्वर्गीय मण्डप के विषय में क्या प्रकट करता है। हम यह सीखते हैं कि इन बातों को हम विश्वासियों के रूप में अपने जीवन और परमेश्वर के साथ अपनी दैनिक संगति में कैसे लागू कर सकते हैं।
1. प्रतिदिन क्रूस की सामर्थ में जीना, स्वयं को जीवित बलिदान के रूप में अर्पित करना (बलिदान का वेदी)।
2. निरंतर शुद्ध विवेक, स्वच्छ हृदय और विश्वास की पूरी निश्चयता रखना, जो रक्त, परमेश्वर के वचन और आत्मा के द्वारा शुद्ध किए जाते हैं (धोने का पात्र)।
3. परमेश्वर की आराधना करना और आत्मा में चलना तथा वह प्रकाशन ग्रहण करना जो वह देता है (दीपस्तम्भ, तेल और ज्योति)।
4. वचन पर आहार लेना (रोटी) और यीशु, जो जीवित रोटी हैं, उनके साथ संगति करना (प्रस्ताव रोटी की मेज़)।
5. निरंतर स्तुति, आराधना और प्रार्थना अर्पित करना (धूप की वेदी)।
6. परमेश्वर की वाचा को ग्रहण करना – उसका वचन, उसकी व्यवस्था और मसीह हमारे महायाजक के रूप में (वाचा का सन्दूक)।
7. उसकी उपस्थिति में निवास करना, उसकी आवाज़ सुनना और मसीह के द्वारा परमेश्वर के साथ सतत संगति का आनंद लेना (करुणा का आसन)।
इस संदेश में निःशुल्क ऑडियो (MP3) और वीडियो उपलब्ध है। इसमें सामर्थी, प्रेरणादायक और व्याख्यात्मक शिक्षा है। साथ ही, निःशुल्क प्रिंट करने योग्य PDF उपदेश रूपरेखाएँ, उपदेश टिप्पणियाँ, और छोटे समूहों के लिए चर्चा प्रश्नों और प्रस्तुति स्लाइड्स सहित अध्ययन मार्गदर्शिका दी गई है। ये सभी संसाधन (उपदेश PDF, MP3, वीडियो, प्रस्तुति) व्यक्तिगत अध्ययन, छोटे समूहों, बाइबल अध्ययन और प्रार्थना समूहों, स्थानीय कलीसियाओं, सम्मेलनों और बाइबल कॉलेजों के लिए निःशुल्क उपलब्ध हैं।
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